धर्म का दूसरा मतलब न्याय भी कहा गया है। आप पढ़ रहे हैं धर्मराज के प्रति मेरे विचार ( thoughts )। एक धर्मराज कहलाने वाला व्यक्ति, अपने ही दुश्मनों के साथ पहले मदिरा पान करता है, फिर जुआ खेलता है और बाद में अपने चारों भाइयों को तथा अपनी पत्नी को भी दांव पर रख देता है, सिर्फ इस लालसा में कि शायद अगले दांव में जीत हो जाय। इतना सब कुछ …
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