ह रि सारिका की गोद में लेटा हुआ था और सारिका उसके सर पर हाथ फेर रही थी। आप पढ़ रहे हैं सारिका भाग -10 की कहानी ( Kahani )।थोड़ी देर शांत रहने के बाद सारिका बोली, हरि क्या तुम मुझसे शादी करोगे? उत्तर में हरि ने कहा, सारिका..हम दोनों को मिले अभी ज्यादा वक्त नहीं हुआ है..पहले तुम मुझे अच्छे से जान तो लो..फिर शादी के बारे में सोचना..औ…
और पढ़ेंए क घंटे के अंदर दोनों नहा कर तैयार हो गए और समय हो गया था दोपहर के 12:00 । {आप पढ़ रहे हैं सारिका भाग -9 की कहानी ( kahani )} सारिका बोली, हरि यार पहले तो किसी भोजनालय में जाकर खाना खाते हैं..बहुत भूख लग रही है। दोनों पास के ही एक भोजनालय में जाकर बैठ गए। वेटर ने पूछा, sir.. क्या खाना पसंद करेंगे? सारिका तपाक से बोली, क्या इस वक्…
और पढ़ेंसु बह सारिका उठी तो वो अपना सर पकड़े हुई थी।{ आप पढ़ रहे है सारिका भाग - 8 की कहानी ( kahani )} हरि बोला, MAGIC MOMENTS कम पड़ गए हो तो और लाऊ। सारिका ने करहाते हुए कहा, अरे नहीं यार आज के बाद इतनी नहीं पियूंगी..मेरा सर दर्द से फटा जा रहा है..कुछ करो। तभी हरि बोला, रात किया तो था..वो कम रह गया क्या? सारिका ने एकदम हैरानी से पूछा…
और पढ़ेंसा रिका की गोद में जब हरि नींद के आगोश से बाहर आया तो सारिका बोली, तुम तो बिल्कुल बच्चों के जैसे सो जाते हो गोद में। {आप पढ़ रहे हैं सारिका भाग -7 की कहानी ( Kahani )}हरि बोला, माफ करना..मेरी मां की गोद के बाद आज से पहले किसी और नारी की गोद में नहीं लेटा था। सारिका बोली, कोई बात नहीं अगर नींद आ गई थी..तुम जब चाहो मेरी गोद में सो …
और पढ़ेंघू मते फिरते सारिका और हरि दलाई लामा मंदिर के पास पहुंच गए। {आप पढ़ रहे हैं सारिका भाग -6 की कहानी ( Kahani )} मंदिर के अंदर उस वक्त किसी पर्यटक को जाने नहीं दे रहे थे। मंदिर के बाहर ही एक रेस्टोरेंट देख कर सारिका बोली, हरि..चाय पीने की इच्छा है। हरि बोला, इच्छा तो मुझे भी महसूस हो रही है लेकिन चाय की नहीं। तभी सारिका बोली, तो किस …
और पढ़ेंये कहानी ( Kahani )है विनोद की। विनोद अपने बचपन की एक याद को बताते हुए कहता है कि उसे बचपन में अक्सर एक स्वपन दिखाई पड़ता था। जो की कुछ महीनों के बाद उसे दिखाई पड़ता था और जवानी तक ये ख्वाब उसको दिखता रहा। हमारी आज की कहानी इसी स्वपन और हकीकत के बीच छिपी हुई एक दास्तान है। कहानी का शीर्षक है, एक डरावना ख्वाब। विनोद ने बताया, बचपन …
और पढ़ेंए क बार एक व्यक्ति एक ज्योतिष के पास जाता है। ज्योतिष उसका हाथ देख कर कहता है कि तेरी किस्मत में कभी भूखा रहना नही लिखा। ( Note - आप पढ़ रहे है कहानी किस्मत की ) अतः तुम कभी भी जिंदगी में भूखे नहीं सोओगे। वह व्यक्ति तार्किक था, ज्योतिष पर उसको विश्वाश नही थी। उसने ज्योतिषी से शर्त लगाई को वह ज्योतिष की बात को गलत साबित करके दिखाए…
और पढ़ेंये छोटी कहानी ( chhoti Kahani ) है एक सूफी फकीर की श्रद्धा की। जो की अपनी एक छोटी सी झोपड़ी में जंगल में रहता था। हर वक्त खुदा की ईबादत में व्यस्त रहता था। एक दिन वहां से एक वैद्य गुज़र रहा था। वैद्य उस झोपड़ी के पास आकर रास्ता ठीक से पता न लगा पाया, जहां उसको जाना था। पास में झोपड़ी के बाहर बैठे सूफी फकीर को देखा तो सोचा की उसी …
और पढ़ेंआ प पढ़ रहे हैं सारिका भाग -5 (Sarika part -5) कहानी । सारिका नहाकर बाथरूम से बाहर आई तो एकदम सुबह की नई किरण के जैसी लग रही थी। वो अपने बैग से साज सज्जा का सामान निकाल रही थी और हरि उसको एकटक निहार रहा था। तभी सारिका बोली, मेरा शक सही था हरि। हरि ने हिचकिचाते हुए पूछा, कैसा शक? मुझे शक था कि तुम्हारी जिंदगी में कभी कोई लड़की नहीं …
और पढ़ेंआ प पढ़ने जा रहे है सारिका भाग -4 ( Sarika part -4 ) की कहानी । सुबह के लगभग 7 बजे थे और बस मैकलोडगंज शहर के मुख्य चौराहे पर पहुंच चुकी थी। दिन अभी अभी निकला था। हरि ने अपना बैग उठाया और सारिका की तरफ एक बार देख कर बस से बाहर निकल गया। सारिका अपना एक बैग लेकर बस से बाहर आई और बस के luggage स्टोर से अपना दूसरा बैग निकालने की प्रतिक…
और पढ़ेंसु बह लगभग 4 बजे बस फिर से एक भोजनालय पर रुकी। आप पढ़ रहे हैं सारिका भाग -3 ( Sarika part -3 ) ki कहानी ( Kahani )।हरि ने बाहर जाने से पहले पीछे सारिका की सीट की तरफ देखा तो सारिका अपने बालों में रबर बैंड लगाते हुए तेज आवाज में बोली, एक मिनिट रुको हरि..मैं भी चलती हूं। हरि अपनी सीट पर ही खड़ा रहा। अपने बाल बांधने से बाद उसने अपना…
और पढ़ेंसा रिका की पिछली कहानी में आपने पढ़ा कि एक युवती बस की तरफ से हरि की और आ रही थी। अब पढ़िए सारिका भाग -2 की कथा । वो लड़की हरि के पास आकर बोली, क्या आपके पास एक और सिगरेट है? उत्तर में हरि ने कहा, जी एक और है। लड़की के बिना कुछ और कहने से पहले ही हरि ने अपनी जेब से दूसरी सिगरेट निकाली और उस युवती को दे दी। सिगरेट लेते हुए लड़की ने…
और पढ़ेंय ह कहानी है एक आत्म निर्भर लड़की की जिसका नाम था सारिका , जो कि हमारे लेख का शीर्षक भी है। इस कथा के दूसरे पात्र का नाम हरि है। ये सारा किस्सा पूरी तरह से हरि की जुबानी सुनाया गया है। आशा करता हूं कि आप लोग इसको पढ़कर गंभीर नहीं बल्कि अपने दिल में किसी को याद करते हुए इस लेख का आनंद लेंगे। रोमांच शुरू करने से पहले आपको हरि से थोड…
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